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| Jay Hind Jay Bhary |
गणतंत्र दिवस: भारत की गौरवशाली परंपरा का प्रतीक
26 जनवरी, एक ऐसा दिन जो हर भारतीय के दिल में गर्व और देशभक्ति की भावना को जागृत करता है। यह दिन हमारे गणतंत्र के गौरव का प्रतीक है, जब 1950 में भारत ने अपने संविधान को लागू किया और एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ।
गणतंत्र दिवस का ऐतिहासिक महत्व
26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने "पूर्ण स्वराज" की मांग करते हुए इसे स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इसी दिन को संविधान लागू करने के लिए चुना गया, ताकि यह दिन हमारे संघर्ष और बलिदानों की याद दिला सके।
गणतंत्र दिवस का समारोह
हर साल गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली के राजपथ पर एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। इस परेड में तीनों सेनाओं की ताकत और विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झलक देखने को मिलती है। झांकियों के माध्यम से भारत की विविधता और एकता को दर्शाया जाता है। इसके साथ-साथ वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले बच्चों की झलक भी इस दिन को खास बनाती है।
संविधान: हमारा मार्गदर्शक
भारतीय संविधान न केवल हमारे अधिकारों की सुरक्षा करता है, बल्कि हमें अपने कर्तव्यों का बोध भी कराता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जिसे डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में तैयार किया गया। इसमें भारत को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में परिभाषित किया गया है, जहां हर व्यक्ति को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार प्राप्त है।
गणतंत्र दिवस का संदेश
गणतंत्र दिवस केवल एक राष्ट्रीय पर्व नहीं है, बल्कि यह हमें अपने संविधान के प्रति सच्ची निष्ठा रखने और एक जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा देता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हम एक स्वतंत्र राष्ट्र के गर्वित नागरिक हैं और हमें अपनी एकता, अखंडता और संस्कृति को बनाए रखना है।
इस गणतंत्र दिवस पर हम सब प्रण लें कि हम अपने देश को और मजबूत और समृद्ध बनाने के लिए पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम करेंगे। आइए, हम सब मिलकर भारत को विश्व में एक नई ऊंचाई पर ले जाने का संकल्प लें।
जय हिंद! जय भारत!
